सुरक्षित पलायन गतिशीलता और मानव तस्करी रोकने को बढ़ावा देना

नेटवर्क- जतन

प्रयायोजक-ब्रिटिश एशियन ट्रस्ट
आयोजकः- छोटानागपुर कल्याण निकेतन, सिमडेगा

आज दिनांक 15.03.2022 को अपराहन 12ः15 बजे छोटानागपुर कल्याण निकेतन, सिमडेगा संस्था द्वारा एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन श्रम अधीक्षक, गुमला के सभागार में किया गया। इस कार्यशाला का एजेण्डा  ‘सुरक्षित पलायन गतिशीलता और मानव तस्करी रोकने को बढ़ावा देना’ था।

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कार्यक्रम की शुरूआत संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया गया। सर्वप्रथम मुख्य अतिथि श्रम अधीक्षक के कर कमलों द्वारा दीप प्रज्जवलित किया गया। उसके पश्चात अन्य गणमान्य अतिथियों तथा उक्त संस्था की सचिव प्रियंका सिन्हा द्वारा दीप प्रज्जवलित किया गया।

दीप प्रज्जवलन के उपरांत परिचय सत्र किया गया ,जिसमें सभी प्रतिभागियों द्वारा बारी-बारी से अपना-अपना परिचय दिया गया। तत्पश्चात् संस्था की सचिव प्रियंका सिन्हा द्वारा संस्था के द्वारा किए जा रहे कार्यों को बताते हुए कहा गया कि संस्था महिला एवं बच्चों के अधिकारों को सुरक्षित रखने के मुद्यों को लेकर सिमडेगा एवं गुमला जिले में कार्य कर रही है। झारखण्ड में सरक्षित गतिशीलता को बढ़ावा देना और तस्करी रोकने के मुद्दे को जतन नेटवर्क के साथ संयुक्त रूप से गुमला जिला के अरमई एवं उर्मी पंचायतों के 10-10 राजस्व ग्रामों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सितंबर 2021 में किया जा रहा है। संस्था के कम्यूनिटी मोबजाइलर द्वारा एक्त दोनों पंचायतों के राजस्व ग्रामों में प्रवासी मंच का गठन कर उन्हें सुरक्षित पलायन के विषय में प्रशिक्षित कर जागरूक किया जा रहा है। इसी कड़ी में संस्था द्वारा गुमला जिला में पंचायत स्तरीय, प्रखंड स्तरीय एवं जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन विभिन्न समुदायों के साथ सुरक्षित प्रवास पर जागरूकता पैदा करने के लिए किया जा रहा है। प्रवासी मंच को चरणबद्ध तरीके से प्रशिक्षित कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। यह कार्यक्रम झारखण्ड के तेरह जिलों गिरीडीह, गुमला, सिमडेगा, दुमका, चतरा, हजारीबाग, देवघर, कोडरमा, खंूटी, राँची, लोहरदगा, पश्चिमी सिंहभूम, एवं गोड्डा में चल रहा है।

संस्था सचिव द्वारा यह भी कहा गया कि रोजगार के लिए और रोजी-रोटी कमाने के लिए कहीं भी जाना प्रत्येक व्यक्ति जिसकी उम्र 18 वर्ष है, उसका अधिकार है। लेकिन वह सुरक्षित तरीके से प्रवास के लिए जाए जिससे उन्हें भविष्य में किसी मुसीबत में पड़ने पर स्थानीय प्रशासन द्वारा उन्हें सुरक्षा प्रदान किया जा सके। इसके लिए जरूरी है कि उनका पत्ता, मोबाइल नम्बर तथा किस कार्य हेतु किस जगह, किसके पास जा रहे हैं यह सारी जानकारी स्थानीय सरकारों और पंचायतों के पास उपलब्ध रहे। इससे विषम परिस्थितियों में प्रवासियों को मदद करने में सहायता मिलेगी।

आहतू थाना प्रभारी, गुमला द्वारा कहा गया कि कोविड-19 के दौरान हमें ऐसे बहुत से मामलों से पाला पड़ा की बच्चे जो दूसरे जगहों पर कार्य करने के लिए गए हैं ,और वहाँ उनका विभिन्न प्रकार से शोषण हो रहा है, इसमें काफी संख्या में गुमला जिला के लड़के एवं लड़कियाँ थीं। लेकिन उनके बचाव हेतु प्रशासन द्वारा जब पहल किया तो बहुतों के बारे में स्थानीय सरकार एवं पंचायत के पास उनके बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं थी जिससे उनका पता लगाने में प्रशासन को काफी मशक्कत करना पड़ा तथा समय भी लगा।

श्रम अधीक्षक द्वारा कहा गया कि अभी भी हमारे समाज में लोगों के अंदर जागरूकता की काफी कमी है। लागों को श्रम निबंधन के लिए जागरूक करने की आवश्यकता है उन्हें ऐसा लगता है कि हम अपना निबंधन कराकर बाहर जाना चाहेंगे तो सरकार द्वारा हमें बाहर कमाने जाने से मना किया जाएगा, ऐसी गलतफहमियों के लोग शिकार हैं इसके लिए उन्हें ज्यादा-से-ज्यादा प्रशिक्षित कर जागरूक करने की जरूरत है।

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एस. टी/एस.सी थाना प्रभारी, गुमला द्वारा बताया गया की झारखण्ड के युवा एवं युवतियाँ जितनी भी मानव तस्करी की शिकार होती हैं वे अपनों के द्वारा या रिश्तेदारों के द्वारा होती हैं। उन्हें अपने ही लोग बरगला कर और दलालों द्वारा दिए गए प्रलोभन का शिकार हो बाहर कार्य करने जाते हैं और मुसीबत मोल लेते हैं। बहुत से प्रवासियों के मामलों के अनुसंधान में ये बातें आयी है कि जब तक बाहर से कार्य का पैसा परिवार को मिलता रहा तब तक सब कुछ ठीक-ठाक था लेकिन पैसा मिलना बंद हुआ तो मामला थाने में आया। अनुसंधान के क्रम में पता चला है कि जहाँ वे काम कर रहे थे वहाँ उन्हें जातिसूचक गालियाँ तथा रंगभेद नीति का सामना करना पड़ता था, वन प्रवासियों द्वारा ये सारी बातें उभरकर सामने आयी।

महिला थाना प्रभारी, गुमला द्वारा कहा गया कि झारखण्ड की बच्चियॉ एवं बच्चे बाहर कमाकर अपने वतन आने वाले युवक/युवतियों के जीवन शैली को देखकर प्रभावित होकर कार्य करने के लिए बाहर जाते हैं। उन्होनें कहा की हमें गलत कार्यों का अनुकरण नहीं करना है बल्कि पढ़ाई-लिखाई में अनुकरण कर आगे बढ़ना है। अपने भविष्य को बेहतर बनाने की दिशा में सोचना है ,गलत चीजें क्षणिक सुख देती है लेकिन उनका दूरगामी परिणाम अच्छा नहीं होता है। बाहर कार्य करने के लिए जाना, रोजगार के लिए अच्छी बात है लेकिन इसके लिए सबसे जरूरी है की श्रम विभाग में निबंधन कराकर बाहर जाएं।

अन्त में संस्था की सचिव प्रियंका सिन्हा द्वारा कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी का धन्यवाद किया गया और कार्यक्रम का समापन किया गया।