National Girl Child Day 2024

आज 24/1/2024 को कुरडेग प्रखंड के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया गया जिसमें बालिकाओं की बुनियादी अधिकार जैसे स्वस्थ पोषण और शिक्षा के बारे में बताया गया। इसके साथ-साथ बाल विवाह प्रथा के बारे में भी बातें कि गई। हमारे समाज के बहुत पुरानी एक प्रथा है बाल विवाह, इस प्रथा को बरकरार रखने के लिए हमारे समाज के कुछ व्यक्ति बाल विवाह करने वाले परिवारों का भी भी साथ देते हैं। इस प्रथा से हम नारियों का गरिमा का हनन होता है और खास करके बालिकाओं का सपना और इच्छा को मार दिया जाता है। हम लड़कियों को कुछ माता-पिता एवं समाज बोझ समझते हैं और इस कारण कम उम्र में शादी कर दी जाती है। हमसे कई अधिक उम्र के पुरुष के साथ कम उम्र की लड़कियों को शादी कर दी जाती है। यह प्रथा भी महिला-पुरुष के बीच असमानता की खाई बनाती है। हमारे संविधान ने स्त्री व पुरुष दोनों को समानता का अधिकार दिया है पर नारी समाज को कुछ लोगों के वजह से उस सामानता से वंचित रखा जाता है। कुछ निम्न कोटि की सोच रखने वाले पुरुष वर्ग का भी यही कहना है की छोटी उम्र की लड़कियां या फिर दुल्हन शुद्ध रहती है। 

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कम उम्र की लड़कियां शारीरिक रुप से भी दुरुस्त नहीं रहती है और वह लड़की शादी करके जब मां बन जाती है वह जब शिशु को जन्म देती है तो वह शिशु भी दुरुस्त नहीं रहता है, वह बच्चा कुपोषण का शिकार हो जाता है और मां का भी शरीर कमजोर पड़ जाता है और कमजोर होने की वजह वह लड़की कई तरह के बीमारियों से ग्रसित हो जाती है। कम उम्र में लड़कियों की समझ मजबूत नहीं होता है, मानसिक रूप से भी सोचने समझने की क्षमता नहीं रहती है और उसके उपर पारिवारिक-सामाजिक जिम्मेवारी थोप दिया जाता है वहीं से नारी की शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वतंत्रता अधिकार खत्म हो जाती हैं और बाल विवाह करने वाले लड़कियां हमेशा घरेलू हिंसा का शिकार होते है। इस बीच में सती प्रथा का उदाहरण देते हुए बच्चियों को समझाया कि यह सती प्रथा कितना दर्दनाक था लेकिन आज यह प्रथा मिट चुका है। उसी प्रकार बाल विवाह कुप्रथा को भी हम सबको मिलकर मिटाना है और दूसरा बाल श्रम के बारे में भी बताया गया। इसके साथ-साथ अपने समुदाय में बाल विवाह होने पर कहां रिपोर्ट करना है और बाल विवाह करने वाले और बाल विवाह में सम्मिलित होने वाले का सजा क्या है एवं बाल विवाह अधिनियम के बारे में बताया गया कि लड़के को 21 वर्ष में और लड़कियों को 18 वर्ष में शादी करना चाहिए ये बात यह सब बातें भी बताई गई। इस कार्यक्रम में स्कूल के शिक्षक-शिक्षिका भी उपस्थित थे और अंत में सभी ने मिलकर बाल विवाह मुक्त भारत की शपथ ली और राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कार्यक्रम के समापन किया गया।

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