बाल विवाह पर आधी रात में चला रेस्क्यू ऑपरेशन, बच्ची को बचाया गया बाल विवाह की कुप्रथा से
गरजा पंचायत में एक नाबालिग बच्ची की शादी की गुप्त सूचना मिलने के बाद छोटानागपुर कल्याण निकेतन, बाल कल्याण समिति, चाइल्ड हेल्पलाइन और सिमडेगा पुलिस की संयुक्त टीम ने रातभर मुहिम चलाकर बाल विवाह को रोका और बच्ची को सुरक्षित रेस्क्यू किया।
सूचना मिलने के बाद रात्रि 9:30 बजे बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष ने उपायुक्त कंचन सिंह और प्रखंड विकास पदाधिकारी श्री इम्तियाज अहमद से बातचीत की। BDO ने तत्परता दिखाते हुए थाना से संपर्क कर पुलिस बल की व्यवस्था करवाई। इसके बाद टीम ने घनी बारिश, घनघोर जंगल और रात के अंधेरे की परवाह न करते हुए रात्रि 12:00 बजे गांव में पहुंचकर कार्रवाई शुरू की।
इस दौरान सिमडेगा पुलिस अधीक्षक एम. अर्शी (M. Arshi) स्वयं रातभर जागते रहे और पूरे ऑपरेशन की पल-पल की जानकारी लेते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश देते रहे।
जब टीम विवाह स्थल पर पहुँची तो वहाँ भीड़ जमा थी, हल्दी और बारात की तैयारी चल रही थी। पुलिस बल को देखकर वहां अजीब सी सनसनी फैल गई। टीम ने अनुभवपूर्वक घर के परिसर में प्रवेश कर लड़की और उसके परिजनों से बातचीत की। दस्तावेजों की जांच के बाद लड़की के नाबालिग होने की पुष्टि हुई।
टीम ने परिजनों को सम्मानपूर्वक समझाते हुए, बाल विवाह के कानूनी परिणामों की जानकारी दी और बिना कोई तनाव उत्पन्न किए भारी भीड़ के सामने बच्ची को रेस्क्यू किया। इसके पश्चात, बाल कल्याण समिति (CWC) के निर्देशानुसार बच्ची को बालिका गृह में सुरक्षित रूप से रखा गया।
रात्रि 2:00 बजे इस सफल रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी सभी संबंधित अधिकारियों और हितधारकों को दी गई।
इस अभियान में छोटानागपुर कल्याण निकेतन की सचिव प्रियंका सिन्हा, बाल कल्याण समिति से अभिषेक सर, चाइल्ड हेल्पलाइन से सदानंद और अमित दुबे, पुलिस बल, और अन्य कर्मियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस अर्धरात्रि के अभियान को सफल बनाने में उपायुक्त कंचन सिंह, पुलिस अधीक्षक M. Arshi, BDO सिमडेगा, और सिमडेगा थाना पदाधिकारी का मार्गदर्शन और सहयोग अत्यंत सराहनीय रहा।
यह कार्रवाई सिमडेगा जिले में बाल विवाह के खिलाफ लड़ाई का एक प्रेरणादायक उदाहरण है और यह संदेश देती है कि जब सभी विभाग मिलकर काम करें, तो समाज से किसी भी बुराई को मिटाया जा सकता है।


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